List of Groups in Tally in Hindi
टैली में ग्रुप्स (Groups in Tally)
यहाँ हम टैली के सभी ग्रुप्स को डिटेल में समझने वाले हैं जो कि लेजर क्रिएशन के लिये बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है। आपकी सुविधा के लिये यहाँ पर टैली के सभी ग्रुप्स की लिस्ट (List of Groups in Tally in Hindi) भी हिन्दी में एक्सप्लेनेशन के साथ दी गई है।
टैली में ग्रुप क्या है (What is group in tally)
अकाउंटिंग ग्रुप्स एक ही प्रकार के या एक ही स्वभाव के लेजर्स का एक संग्रह (Collection) होता है।
इन ग्रुप्स की सहायता से ही टैली को यह जानकारी मिलती है कि बनाया जा रहा लेजर खर्चे का लेजर है, आय का लेजर है, संपत्ति का लेजर है या दायित्व का लेजर है।
ग्रुप्स की सहायता से ही टैली को यह जानकारी भी मिलती है कि लेजर को व्यापार खाते (Trading Account) में लेना है या लाभ हानि खाते (Profit & Loss Account) में लेना है या फिर Balance Sheet में लेना है।
टैली में कितने ग्रुप्स होते हैं?
टैली में 28 ग्रुप्स होते हैं, इनमें से 15 ग्रुप्स प्रायमरी होते हैं और 13 ग्रुप्स इन प्रायमरी ग्रुप्स के सब ग्रुप्स होते हैं। आवश्यकतानुसार आप और भी ग्रुप्स बना सकते हैं
तो यहाँ पर List of Groups in Tally में हम प्रत्येक ग्रुप को डिटेल में समझने वाले हैं।
List of Groups in Tally in Hindi
Bank Accounts –
इस ग्रुप का उपयोग बैंक में खोले गये Current एवं Saving Accounts के लिये किया जाता है। यदि आपने अपने व्यापार या अपनी फर्म या कंपनी के लिये बैंक में कोई खाता खुलवाया है तो लेजर क्रिएशन के समय Name of Accounts फिल्ड में आपको उस बैंक का नाम लिखना है जिस बैंक में आप खाता खुलवा रहे हैं। आप बैंक के नाम के साथ खाते का टाईप भी लिख सकते हैं जैसे कि Current A/c या Saving A/c। आप चाहें तो साथ में खाता नंबर भी जोड़ सकते हैं।
Bank OCC Account / Bank OD Account –
Cash Credit या Over Draft के लेजर के लिये इस ग्रुप का उपयोग किया जाता है। ये एक प्रकार से ऋण के ही खाते होते हैं किन्तु ये होम लोन या वाहन ऋण से भिन्न होते हैं और एक लम्बे समय के ऋण नहीं होकर एक लिमिट में समय-समय पर आवश्यकतानुसार पैसा ऋण के तौर पर बैंक से लिया जाता है और समय-समय पर जमा भी करा दिया जाता है।
Branch Division Account –
शाखा खातों के लिये इस ग्रुप का उपयोग किया जाता है।
Capital Account –
व्यापारी एवं साझेदारों के पूँजी खाते के लिये इस ग्रुप का उपयोग किया जाता है।
Capital A/c वह लेजर है जो बताता है कि व्यापार के स्वामी या स्वामियों ने व्यापार में अपना स्वयं का कितना पैसा लगाया है। यदि व्यापार प्रारंभ करने के लिये कोई लोन लिया है तो वह राशि इस लेजर में नहीं आयेगी, लोन के लिये अलग से लेजर बनाया जायेगा।
यदि व्यापार एकल स्वामित्व का है या Sole Proprietorship का है तो Ledger Name में आप सिर्फ Capital A/c टाईप कर सकते हैं।
यदि व्यापार पार्टनरशीप का है तो साथ में पार्टनर के नाम भी जोड़े जाने चाहिये जैसे कि Ravi’s Capital A/c, Mohan’s Capital A/c, Ravi’s Current A/c, Mohan’s Current A/c आदि।
कंपनी की दशा में Share Capital, Equity Share Capital A/c बनाये जा सकते है।
Cash in hand –
रोकड़ खाता (Cash Account) इस ग्रुप के अंतर्गत टैली में पहले से ही बना रहता है। इसलिये Cash Account फिर से बनाने की सामान्य तौर पर जरूरत नहीं होती है, किन्तु यदि किसी व्यापार में एक से ज्यादा रोकड़ खाते मेंटेन किये जा रहे हों तो बनाये जा सकते हैं।
Current Assets –
ऐसी चालू सम्पत्तियाँ जिनके लिये अलग से कोई ग्रुप नहीं बना है इसके अंतर्गत लेतें हैं। जैसे Bills Receivable, Accrued (Earned) Income, Prepaid Exp. आदि।
Current Liabilities –
ऐसे चालू दायित्व जिनके लिये अलग से कोई ग्रुप नहीं बना है इसके अंतर्गत लेतें हैं। जैसे Bills Payable, Unaccrued Income, Out Standing Exp. आदि।
Deposit Assets –
हमारे द्वारा किसी भी प्रकार की की गई जमायें इस ग्रुप में आती हैं जैसे टेलीफोन डिपोजिट, व्यापारी संघ डिपोजिट, सेल्स टेक्स डिपोजिट अथवा किसी भी कंपनी की एजेंसी एत्यादि लेने के लिये किया गया डिपोजिट।
Direct Exp. / Expenses (Direct) –
सभी प्रत्यक्ष व्यय इस ग्रुप के अंदर आते हैं।
Direct Expenses या Expenses Direct उन खर्चों को कहा जाता है जो सीधे-सीधे माल के Purchase] उसके Storage या उसके Production से संबंधित होते हैं।
इस ग्रुप के अंतर्गत Purchase A/c को छोड़कर वे लेजर्स आते हैं जो Trading A/c में लिये जाते हैं जैसे Godown या Factory का किराया Wages या Labour, Coal & Fuel आदि।
Direct Income / Income (Direct) –
सभी प्रत्यक्ष आय इस ग्रुप के अंतर्गत आती हैं जैसे अखबार के लिये विज्ञापन की आय, जॉब वर्क करने की आय आदि।
Duties & Taxes –
सभी Duties या Taxes इस ग्रुप के अंतर्गत आते हैं जैसे CGST, SGST, VAT आदि।
Fixed Assets –
सभी स्थायी संपत्तियाँ इस ग्रुप के अंतर्गत आती हैं जैसे भवन, फर्नीचर, मशीनरी आदि।
Indirect Expenses / Expenses (Indirect) –
सभी अप्रत्यक्ष व्यय इस ग्रुप के अंतर्गत आते हैं।
Indirect Expenses या (Expenses Indirect) उन खर्चों को कहा जाता है जो सीधे-सीधे माल के Purchase, उसके Storage या उसके Production से संबंधित नहीं होते हैं।
इस ग्रुप के अंतर्गत खर्चों के वे लेजर्स आते हैं जो Profit & Loss A/c में लिये जाते हैं जैसे Interest, Salary, Office/Shop Rent, Telephone Expenses, Travelling Expenses आदि।
Indirect Income / Income (Indirect) –
सभी अप्रत्यक्ष आय (Indirect Income) इस ग्रुप के अंतर्गत आती हैं।
Indirect Income या Income (Indirect) उन आय को कहा जाता है जो सीधे-सीधे हमारे Business की Activity से नहीं होती है, जैसे कि यदि हमारा व्यापार गेहूँ विक्रय का है और हमें ब्याज से कोई आय होती है तो वह हमारे व्यापार की आय न होकर अन्य आय है और इसलिये यह Indirect Income कहलाएगी।
इस ग्रुप के अंतर्गत Income के वे लेजर्स आते हैं जो Profit & Loss A/c में लिये जाते हैं जैसे Interest, Discount, Commission आदि।
Investments –
सभी विनियोगों के खाते इस ग्रुप में आते हैं जैसे शेयर, बॉण्ड आदि।
Loans & Advances (Assets) –
ऐसे ऋण व एडवांस जो हमारे द्वारा अन्य पार्टियों को दिये गये हैं, इस ग्रुप के अंतर्गत आते हैं।
Loans (Liability) –
हमारे द्वारा लिए गए ऋण इस ग्रुप के अंतर्गत आते हैं चाहे वे Secured loan हों या unsecured loan ।
वैसे Tally में Securerd loan और Unsecured loan के लिये अलग से भी ग्रुप दिये गए हैं।
Misc. Expenses (ASSET) –
ऐसे विविध व्यय जो सामान्यतः व्यापार या कंपनी की स्थापना के व्यय होते हैं इन्हें एक ही वर्ष का खर्चा न माना जाकर आगे के कई वर्षों में बाँट दिया जाता है। हर वर्ष का भाग उस वर्ष के खर्चे के रूप में Profit & Loss A/c में ट्रांसफर कर दिया जाता है और बचा हुआ भाग Balance Sheet में संपत्ति पक्ष में Misc. Expenses (ASSET) के रूप में रखा रहता है।
इस कारण से वास्तविकता में Misc. Expenses (ASSET) खर्चे नहीं हैं ये संपत्ति हैं।
Provisions –
ऐसे खर्च जिनकी वास्तविक राशि का हमें ज्ञान नहीं है किन्तु अंदाजे से हम उस खर्चे का प्रावधान कर लेते हैं तो वे प्रावधान इस ग्रुप में आते हैं।
Purchase Accounts –
सभी क्रय खाते एवं क्रय वापसियों के खाते इस ग्रुप में आते हैं।
यदि हम अपने Purchase Accounts को अलग-अलग दिखाना चाहें तो हम Wheat Purchase A/c, Rice Purchase A/c या Purchase 28%, Purchase 5% आदि नाम से Purchase Accounts ग्रुप में लेजर्स बना सकते हैं।
Reserves & Surplus / Retained Earnings –
ऐसे अविभाजित लाभ या आधिक्य जो पूँजी खाते या साझेदारों के पूँजी खाते में ट्रांसफर नहीं किए गए हैं इस ग्रुप के अन्तर्गत आते हैं।
Sales Accounts –
सभी विक्रय खाते एवं विक्रय वापसियों के खाते इस ग्रुप के अंतर्गत आते हैं।
यदि हम अपने Sales अकाउंट्स को अलग-अलग दिखाना चाहते हैं तो हम T.V. Sales A/c, Cooler Sales A/c या Sales 18%, Sales 12% आदि बना सकते हैं।
Secured Loans –
ऐसे ऋण जिनके बदले में हमारे द्वारा कुछ गिरवी या जमानत के तौर पर रखा गया है इस ग्रुप के अंतर्गत आते हैं।
Stock in hand –
जब हम स्टॉक की गणना टैली से नहीं करवाके खुद गणना करके स्टॉक डाल देते हैं तो ऐसा स्टॉक इस ग्रुप के अन्तर्गत रखा जाता है।
Sundry Creditors –
सभी लेनदारों के खाते इस ग्रुप में आते हैं। लेनदार हमें उधार माल की सप्लाई करते हैं।
Sundry Debtors –
सभी देनदारों के खाते इस ग्रुप में आते हैं। देनदार हमारे कस्टमर होते हैं जिन्हें हम उधार माल देते हैं।
Suspence A/c –
ऐसे खाते जिनके बारे में हमें ज्ञान नहीं है, या कुछ भूल हुई है जिसके कारण books में अंतर आता है वे खाते इस ग्रुप में आते हैं। जैसे यदि हमारी Cash Book में Cash का Balance 20000/- आ रहा हो और वास्तव में गल्ले में Cash 25000/- हो तो Suspence A/c के जमा करके रोकड़ के नामे किये जाते हैं।
बाद में जब भूली हुई प्रविष्टि की जानकारी हो जाती है तब उसे सुधार लिया जाता है।
Unsecured Loans –
ऐसे ऋण जिन्हें प्राप्त करने के लिये कोई Security नहीं दी गई हैं इस ग्रुप में आते हैं।
यहाँ आपको टैली के लेजर ग्रुप्स के बारे में थोड़ी जानकारी और दे देते हैं।
List of Groups in Tally in Hindi
- टैली के 28 ग्रुप्स में से 15 प्रायमरी ग्रुप्स हैं।
- इनमें से 4 ग्रुप्स Assets नेचर के हैं – Current Assets, Fixed Assets, Investments और Misc. Expenses (ASSET)
- 5 ग्रुप्स Liabilities नेचर के हैं – Current Liabilities, Loans (Liabilities), Capital Account, Branch Divisions और Suspense A/c
- 3 ग्रुप्स Expenses नेचर के हैं – Direct Expenses या Expenses (Direct), Indirect Expenses या Expenses (Indirect) और Purchase Accounts
- 3 ग्रुप्स Income नेचर के हैं – Direct Incomes या Income (Direct), Indirect Incomes या Income (Indirect) और Sales Accounts
- टैली में 28 ग्रुप्स में से 13 सेकंडरी ग्रुप्स हैं,
- इनमें से 6 ग्रुप्स Bank Accounts, Cash in Hand, Deposit (Assets), Loans & Advances (Asset), Stock-in-Hand और Sundry Debtors Current Assets प्रायमरी ग्रुप के अंतर्गत आते हैं।
- 3 ग्रुप्स Duties & Taxes, Provisions और Sundry Creditors Current Liabilities प्रायमरी ग्रुप के अंतर्गत आते हैं।
- 3 ग्रुप्स Bank OD या Bank OCC, Secured Loans और Unsecured Loans Loans (Liabilities) प्रायमरी ग्रुप के अंतर्गत आते हैं
- और 1 ग्रुप Reserves & Surplus या Retained Earnings Capital Account प्रायमरी ग्रुप के अंतर्गत आता है।
टैली के ग्रुप्स (List of Groups in Tally in Hindi) के विडियो ट्यूटोरियल के लिये नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें –
List of Groups in Tally in Hindi – Part – 1
List of Groups in Tally in Hindi – Part – 2
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